Monday, August 10, 2009

Prateekshaa - Anoop Bhargava

प्रतीक्षा


मैं और तुम 
वृत्त की परिधि के 
अलग अलग कोनों में 
बैठे दो बिन्दु हैं, 
मैनें तो अपनें 
हिस्से का अर्धव्यास 
पूरा कर लिया , 
क्या तुम केन्द्र पर 
मुझसे मिलनें के लिये आओगी ? 

अनूप भार्गव


No comments:

My Blog List